आइए जाने श्री गुरु जम्भेश्वर भगवान शब्दवाणी के बारे में | Shri Guru Jambheshwar Shabdvani
श्री गुरु जम्भेश्वर भगवान शब्दवाणी:
यह ब्लॉग श्री गुरु जम्भेश्वर भगवान की शब्दवाणी पर आधारित है। ब्लॉग पर गुरु जाम्भोजी के 120 शब्द अद्यतन किये गए है। साथ ही बिश्नोई शब्दवाणी भावार्थ (120 शब्द) सहित अद्यतन किये गए है।
हमारे युट्युब चैनल जम्भवाणी पर बिश्नोई शब्दवाणी के प्रत्येक शब्द को सस्वर गायन (विडियो) में भी अद्यतन किया गया है।
FAQ: गुरु जम्भेश्वर शब्दवाणी के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न?
Q 1. जाम्भोजी की शब्दवाणी को किन-किन नामों से जाना जाता है।
जाम्भोजी की शब्दवाणी : जम्भवाणी, जांभोजी की वाणी, जांभोजी की शब्दवाणी, बिश्नोई शब्दवाणी आदि नामों से आमजन के मध्य प्रसिद्ध है।
Q 2. शब्दवाणी का अर्थ क्या है?
जाम्भोजी ने अपने जीवनकाल में अनेक शब्द कहे किन्तु अब 120 शब्द ही प्रचलन में हैं। जो वर्तमान में जम्भवाणी या शब्दवाणी के नाम से जाने जाते हैं। सबदवाणी जाम्भोजी के विचारों का प्रामाणिक आधार है। बिश्नोई समाज में शब्दवाणी अत्यंत पवित्र एवं महत्वपूर्ण ग्रंथ है।
Q 3. क्या शब्दवाणी का भावार्थ उपलब्ध है?
हां, श्री गुरु जम्भेश्वर शब्दवाणी का हिंदी में सरलार्थ हीरालाल माहेश्वरी आचार्य श्री कृष्णानंद जी कृष्ण लाल खीचड़, सूर्यशंकर पारीक व अन्य जांभाणी ज्ञाताओं ने सहज व सरल भाषा में किया है। वहीं अंग्रेजी में शब्दवाणी का भावार्थ पृथ्वीराज बिश्नोई ने किया है।
Q 4. शब्दवाणी किस भाषा में लिखी गई है।
जाम्भोजी की वाणी ( शब्दवाणी ) की भाषा धान तो राजस्थानी मारवाड़ी है।
Q 5. शब्दवाणी में गुरु जाम्भोजी का मुख्य ध्येय क्या है?
शब्दवाणी में गुरु जाम्भोजी ने लोगों की जिज्ञासा को शांत करने के उद्देश्य से अनेक बात कही है पर शब्दवाणी का मुख्य ध्येय 'जीया नै जुगती अर मूलांक नै मुगती' है अर्थात मनुष्य इस भौतिक संसार में युक्ति पूर्व कैसे रह सकता है और मृत्यु के उपरांत मोक्ष की प्राप्ति कैसे कर सकता है इन दोनों बातों का उपाय जांभोजी ने शब्दवाणी में विस्तार से बताया है।
Q 6. क्या बिश्नोई शब्दवाणी PDF फॉर्मेट में उपलब्ध है?
हां, बिश्नोई शब्दवाणी PDF फॉर्मेट में उपलब्ध है जिसेेेेेेेे आप नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके डाउनलोड कर सकतेे हैं।